वीटो पॉवर क्या है इस बारे में जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
Veto power के बारे में में अपने सुना होगा जब भी हम बात करते है संयुक्त राष्ट्र संघ अर्थात UNO की और इसे लेकर कभी कभी भारत में सवाल भी उठते रहे है कि विभिन्न क्षेत्रो में अग्रणी और योग्य होने के बाद भी भारत जो है वो उन देशो की सूची में नहीं है जिनके पास ‘ संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ‘ में veto power है तो चलिए आज हम जानते है कि असल में यह वीटो पॉवर है क्या ? चलिए explain करते है –
असल में veto power का सामान्य मतलब है UNO की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् इकाई के स्थायी सदस्य देशो को मिला हुआ विशेषाधिकार | जिसकी वजह से कोई भी वो सदस्य जिसके पास यह विशेष विशेषाधिकार होती है वो परिषद् में पारित होने वाले किसी भी प्रस्ताव को रोक सकता है और उसे नकार सकता है भले ही उसके पक्ष में कितने भी वोट क्यों न हो और इन देशो की सूची में आने वाले पांच सदस्य जो स्थायी है वो है –veto power explanation in hindi
Veto power countries – रूस , फ़्रांस ,अमेरिका ,ब्रिटेन और चीन |
explain veto power in hindi
Veto power होने की वजह से कोई भी एक देश इस विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए किसी भी प्रस्ताव को रोक सकता है और 1945 से लेकर इसका 240 बार प्रयोग किया जा चुका है और जिसमे से बहुत बार दुरूपयोग भी | अकेले चीन ने 1972 से लेकर अब तक 12 से अधिक बार इसका उपयोग किया है किसी प्रस्ताव को पारित होने से रोकने के लिए और उसमे से कम से कम 4-5 बार ऐसे है जिनका प्रयोग भारत के विरोध में रहा है | इस बार अगर वर्तमान में गहराई किसी मुद्दे की बात करें तो इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ में पठानकोट में हुए हमने के मास्टरमाइंड को प्रतिबंधित सूची में डालने के लिए प्रस्ताव दिया था जिसका चीन ने पारित होने से पहले आखिरी समय में अपनी veto power का इस्तेमाल करते हुए उसे रोक दिया और उसका यह कदम हर तरह से भारत के विरूद्ध दिखाई देता है | खैर ये राजनितिक और कूटनीतिक बाते है जो चलती रहेंगी लेकिन उम्मीद है अब आप वीटो पॉवर को समझ गये होंगे |
तो ये है veto power explanation in hindi और इस बारे में अधिक जानकारी या अपने किसी सवाल के लिए आप नीचे कमेन्ट कर सकते है या हमसे hindi updates पाने के लिए आप हमारे गूगल और फेसबुक पेज को फॉलो कर सकते है या हमसे फ्री ईमेल subscription भी ले सकते है
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